फिर बैठकर सोच रहा हूं बैठा यूं ही क्यूं खामखां फिर बैठकर सोच रहा हूं बैठा यूं ही क्यूं खामखां
हर दिन के लिए जीता हूँ कल का मैं नहीं सोचता, हर दिन के लिए जीता हूँ कल का मैं नहीं सोचता,
क्या चाहते हो, क्या सोचते हो? तुम दूर हो गये तो क्या तुमको भुला दूँ? क्या चाहते हो, क्या सोचते हो? तुम दूर हो गये तो क्या तुमको भुला दूँ?
दिमाग है सोचता, दिल नहीं, फिर क्यूँ भला दिल बदनाम है? दिमाग है सोचता, दिल नहीं, फिर क्यूँ भला दिल बदनाम है?
राहगुज़र था या हमसफ़र कोई ll राहगुज़र था या हमसफ़र कोई ll
दीमक की तरह चाटते जा रहे हैं अब सारे, मेरे इर्द-गिर्द पनपते हैं हमेशा ख्वाबों के हत्या दीमक की तरह चाटते जा रहे हैं अब सारे, मेरे इर्द-गिर्द पनपते हैं हमेशा ख्वाबों...